तुम वक़्त नामक फ्लाईओवर पर चढ़ के
मुझसे बहुत दूर निकल गयी हो
पर मैं अब तक बैठा हूँ इसी फ्लाईओवर के नीचे
सपनो के सिगरेट फूँकते
पुराने दिनो की डायरियां पढ़ते
तुम्हारा इन्तजार करते हुए
ये सोचते हुए की कभी तो लाल होगा
तुम्हारे रफ़्तार का ट्रैफिक सिग्नल
कभी तो रुकोगी तुम
सोचोगी मेरे बारे
इसी वक़्त नामक फ्लाईओवर से झांकते हुए
गुमनाम लोगो से मेरा पता पूछते हुए
मुझे ढूंढते हुए
मेरे दिल से रिसता है मेरी बीती हुई ज़िन्दगी का अलकतरा
जिसको जमीन पर ढाल कर तुम बना चुकी हो
यादों की एक पुरानी सड़क
इस उम्मीद में
की तुम जीत जाओगी ज़िन्दगी नाम का मैराथन
इस सड़क से गुजरते हुए
पुराने दिनों की उन रेसों को भुलाते हुए
जिनमे मैं जानबूझ के हारा करता था
तुम्हे जिताने के लिए
अपने डिग्रियों के फाइल के बीच से
निकाल दोगी मेरे सारे ख़त
और उनमे लिखकर अपना Bio Data
बन जाओगी किसी कंपनी में कोई ऑफिसर, मेनेजर
कोशिश करोगी की भूल जाऊं सब कुछ
अपने आने वाले कल के लैपटॉप पर
अपनी नयी ज़िन्दगी का ग्राफ बनाते हुए
पर तुम याद रखना
की जब भी तुम बिताओगी अपना वक़्त
अकेलेपन के किसी पार्क में
तुम्हे नजर आएगा
मेरे मोहब्बत का एक घना सा पेड़
जिसकी छाँव में आकर
ताजा हो जाएँगी तुम में
मेरी पुरानी बाते
मेरी यादें
मेरा चेहरा
मेरे साथ बीता हुआ तुम्हारा हर एक पल
और दखना
तुम उस दिन दौड़ी चली आओगी
मुझे ढूंढते हुए
वक़्त के इसी फ्लाईओवर पर
जिसके निचे बैठ कर
मैं कर रहा होऊंगा
तुम्हारा इन्तेजार
सपनो के सिगरेट फूंकते हुए
और पुराने दिनों की डायरियां पढ़ते हुए
अराहान