(एक)
जेहन में फरमेंट करने लगी है अब तुम्हारी यादे
कच्ची शराब के नशे से मारा जाने वाला हूँ मैं
(दो)
.यूँ जब से बढ़ा है तुम्हारे आँखों में रहने का किराया
ख्वाबों को सुसाइड नोट लिखते हुए देखा है हमने
(तीन)
लोग पूछते हैं की किस बात का है ग़म जो इतना तड़पता है तू
ये सवाल उसने पूछा होता तो फिर कोई ग़म ही नहीं होता
(चार)
की यूँ ही नहीं चुप रहा करते, चुप रहने वाले लोग
अन्दर होता है इतना शोर की कुछ कहा नहीं जाता
(पांच)
कोई पूछता ही नहीं है की क्या क्या जला है इस राख में
लोग बस इतना जानना चाहते हैं की ये आग किसने लगायी है
(छः)
हर कोई बहाता नहीं हैं आंसू, दर्द की दुहाई देके
कुछ लोगो ने सीखा है हुनर मुस्कुराके रो लेने का
(सात)
बड़ी आरजू से छाना था रात को, आसमान की छन्नी से
पर कोई सितारा हथेली पे टीमटिमाया नहीं
(आठ)
की बस दो घूंट और हलक से उतर जाने देना साकी
फिर पूछना की उन्हें इतनी हिचकियाँ क्यूँ आती है
(नौ)
आईने से ना पूछना सबब अपनी मासूमियत का
एक नजर मेरी आँखों में झांककर सच से दो चार हो लेना
(दस)
एक आखिरी सवाल मुझे करना है तुमसे
बोलो फिर से मुहब्बत करोगी मुझसे पहले की तरह
(ग्यारह)
की बस कीमत इतनी रही हमारे इस जान की
तुम्हारी मुस्कराहट पे रोज गिरवी होता रहा
(बारह)
दरवाजे खुलें हैं हमेशा मेरे दिल के तुम्हारे लिए
बस अपनी शक्ल में कोई अजनबी मत भेज देना
(तेरह)
डूब के मरने से पहले ये देखा था
एक लड़की को नदी बनते देखा था
अराहान