गुरुवार, 15 मई 2014

पर्स

तुम्हारा पर्स 
हाँ तुम्हारा पर्स चोरी हो चूका है 
जिसमे थे कुल ३०० रुपये
एक रेल टिकट:
उस शहर के लिए जहाँ जिन्दा है एक ही शख्स तुम्हारे इंतजार में 
एक बार  का बिल:
जहाँ की शराब अब तक तुम्हे मदहोस नहीं कर पाती 
घर के राशन का लिस्ट:
जिसमे पहले नंबर पे है भूख मारने  की दवा  
एक एटीएम कार्ड: 
जिसका पिन भूल चुके हो तुम 
किसी के घर का पता
जो लिखा है किसी अजीब लिपि में  
एक दवाई  की पर्ची
जिसमे दर्ज थे उन दवाओ के नाम, जिनके इंतजार में एक बूढी औरत खड़ी होगी छत पर 
एक प्रेम पत्र 
जिसकी लिखावट से पता चलता होगा  की कांपे होंगे लिखने वाले के हाथ 
और एक लड़की की तस्वीर 
जिसे देखकर कोई ये नहीं कह सकता की लड़की कभी रोती भी होगी 

बड़े बेवकूफ इंसान हो तुम  
अपनी पूरी दुनिया लेकर घूमते हो पर्स में 
और देखते भी नहीं की इस दुनिया के हर दीवाल, हर बैनर, हर होर्डिंग पर लिखा है 
"चोरो और जेबकतरों से सावधान"