वो रात शहद थी
जब तुम ख़ुशी ख़ुशी गिरफ्तार थी
मेरे बाहों के आगोश में
लात मार कर तुमने बंद कर दिया था, रिहाई का दरवाजा
जब पूरी दुनिया बन गयी थी वकील
हाथ में जमानत का कागज़ लेकर
उस रात बड़ी तेज हवा बही
लेकिन बुझा न सकी
तुम्हारे प्रेम कि निरंतर जलती लौ को
तुम्हारा हाथ थाम कर
शिखर पर चढ़ गयी, मेरी मुहब्बत कि लंगड़ी उम्मीदें
तुमने चाँद पर लिखकर एक प्रेमपत्र
बता दिया दुनिया को कि तुम अपने हाथ में
बाँध चुकी हो प्रेम नामक हथकड़ी
और हो गयी हो आजाद, खुद से, दुनिया से
उस रात दरवाजा पिटती रही तालिबानी दुनिया
करती रही सभ्यता संस्कृति का विधवा विलाप
उस रात झींगुरो के रुदन के बीच
जुगनुओं ने बताया चाँद को
कि आसमान में लौट रहे हैं
जमीन से जख्मी होकर दो परिंदे
आजाद हवाओ में आजादी कि सांस लेने
अरहान
जब तुम ख़ुशी ख़ुशी गिरफ्तार थी
मेरे बाहों के आगोश में
लात मार कर तुमने बंद कर दिया था, रिहाई का दरवाजा
जब पूरी दुनिया बन गयी थी वकील
हाथ में जमानत का कागज़ लेकर
उस रात बड़ी तेज हवा बही
लेकिन बुझा न सकी
तुम्हारे प्रेम कि निरंतर जलती लौ को
तुम्हारा हाथ थाम कर
शिखर पर चढ़ गयी, मेरी मुहब्बत कि लंगड़ी उम्मीदें
तुमने चाँद पर लिखकर एक प्रेमपत्र
बता दिया दुनिया को कि तुम अपने हाथ में
बाँध चुकी हो प्रेम नामक हथकड़ी
और हो गयी हो आजाद, खुद से, दुनिया से
उस रात दरवाजा पिटती रही तालिबानी दुनिया
करती रही सभ्यता संस्कृति का विधवा विलाप
उस रात झींगुरो के रुदन के बीच
जुगनुओं ने बताया चाँद को
कि आसमान में लौट रहे हैं
जमीन से जख्मी होकर दो परिंदे
आजाद हवाओ में आजादी कि सांस लेने
अरहान