सोमवार, 16 सितंबर 2013

प्रेम का रेखागणित

Photo: Mark Eaton
मेरी सीधी साधी
रेखागणितीय जिंदगी पे 
तुमने डाल दिया अपने प्यार का लम्ब 
और बाँट दिया मेरी ज़िन्दगी को 
दो बराबर हिस्सों में 
एक हिस्सा तुम्हारे प्यार में डूबा रहा 
एक हिस्सा तुम्हारे इन्तेजार में डूबा रहा 
पर तुम 
तुम जोडती रही अपने जीवन में 
नयी नयी रेखाएं 
९० डिग्री के कोण से बनी 
त्रिकोण 
त्रिकोण से चतुर्भुज 
चतुर्भुज से पंचभुज 
तुम आगे बढती रही 
पाई के मान की तरह 
और मैं तुम्हे रोकने की कोशिश में 
सफ़ेद करता रहा अपने जीवन का ब्लैकबोर्ड 

अराहान 

शुक्रवार, 6 सितंबर 2013

रात

Painting : Vincent van Gogh 
रात , 
रात का मतलब, 
सिर्फ सोना नहीं होता।  
रात का मतलब होता है 
की जागते रहो 
अगर दिल में रखते हो किसी के लिए ख़ास जगह 
गिनते रहो तारे तब तक 
जब तक थक ना जाये तुम्हारे दिमाग का कैलकुलेटर 
अपलक देखते रहो स्याह आसमान की तरफ तबतक 
जब तक ढूंढ  ना लो एक नया गृह 
जिसकी सतह पर पानी ना हो 
पर हाँ प्यार जरुर हो 
रखो सिराहने तले  अपने सारे प्रेमपत्र 
और चौकस हो जाओ इनकी पहरेदारी में 
सुनो ध्यान से झींगुरों का शोर 
पूछो उनसे रात का मतलब 
महसूस करो अपनी आँखों से 
रात का स्याह उजाला 
रात देती है जवाब सारे सवालों का 
अगर तुम जागकर करते हो सवाल 
क्यूंकि ये रात भी रात नहीं है 
ये दिन है 
जो रास्ता भटक चुकी है 
दिन भर जागते हुए 

अराहान 

शुक्रवार, 30 अगस्त 2013

रुकी हुयी एक शाम

तुम्हे पता है 
जब एक ढलती शाम 
मैंने पूछा था तुमसे 
की क्या होता है मतलब प्रेम का 
तुम्हारे चेहरे पर मासूमियत 
इठलाती हुयी बोली थी 
"प्यार का मतलब तुम,
और तुम का मतलब प्यार" 
तुम्हे पता है वो शाम अब तक नहीं ढली।  
वो शाम अब भी रुकी है वहीँ कहीं, 
नदी के किनारे, 
शहतूत के पेड़ों के पास, 
आसमान को धोखा देते हुए।   
बस हम तुम आगे बढ़ गए हैं 
अपने अपने वक़्त से बहुत  आगे 
अब बदल चूका है मतलब "तुम" का 
और प्यार का 


अराहान 

मंगलवार, 27 अगस्त 2013

लुक्का छिप्पी



रात के झीनी चादर तले , एकांत के पर्दों  के बीच, मैं जब तुम्हारे बारे में सोचता हूँ तो आस पास चमकने लगते हैं,  तुम्हारे साथ बीताये गए सुनहरे पलों के जुगनू। मैं हाथ बढ़ा कर उन्हें पकड़ने की कोशिश करता हूँ  पर हर बार की तरह मेरी मुट्ठी में जलता हुआ खालीपन ही हाथ आता है जिसकी तपिश  से मैं हर बार जल जाता हूँ. तुमसे बिछड़ने के वक़्त, जब मैं अपनी हथेलियों में तुम्हारे आँखों से झर रहे मोतियों को इक्कट्ठा कर रहा था, तब तुमने कहा था की मुझसे दूर हो जाने के बाद तुम चाँद से एक धागा लटकाओगी और मुझे खिंच लोगी। मैं रोज चाँद की तरफ एक छोटे बच्चे की तरह देखता हूँ की कोई धागा गिरेगा चाँद से।  पर अब तक चाँद से कोई धागा नहीं लटका पर हाँ चाँद से हर रोज खून टपकता है, तुम्हारे कसमों का खून, तुम्हारे किये गए वादों का खून।  तुम तो कहा करती थी की जब भी मैं तुम्हे याद करूँगा तुम सब कुछ भूल कर जहाँ भी होगी दौड़ी चली आओगी। मैं हर पल हर वक़्त तुम्हे याद करता हूँ पर तुम नहीं आती।  मुझे पता है की तुम दुनिया के किस ना किसी कोने से मुझे जरूर देखा करती होगी, मेरी खामोशियाँ सुना करती होगी। अगर ऐसा है तो तुम क्यूँ मेरे सामने नहीं आती, क्या तूम सचमुच की परी बन गयी  हो, अगर ऐसा तो फिर आ जाओ ना, परियों के पास तो जादुई छड़ी होती है. अबकी बार मैं वादा करता हूँ, कभी तुम्हारे साथ लुक्का छिप्पी का खेल नहीं खेलूँगा, और फिर कभी तुम्हे खुद से बिछड़ने नहीं दूंगा।

रविवार, 25 अगस्त 2013

क्या जरुरी है

क्या जरूरी है की 
इश्क करें 
और बेक़रार हो जाएँ 
चोरी करें 
और फरार हो जाएँ 
जुर्म करें 
और गिरफ्तार हो जाएँ 
भलाई करें 
और कुसूरवार हो जाएँ 
इन्तजार करें 
और चौकीदार हो जाएँ 
कहानी लिखें 
और कहानीकार हो जाएँ 
दिन काटे सोकर 
और बेकार हो जाएँ 
देते रहें मशवरे 
और सलाहकार हो जाएँ 
बिक जाएँ सियासत में 
और पत्रकार हो जाएँ 
बन जाएँ सनसनीखेज खबर 
और अखबार हो जाएँ 
क्या जरुरी है की
हम लड़ें अपने हक के लिए 
और गुनाहगार हो जाएँ 
इन से तो भला है की चुप रहें आँख मूंदकर 
और भारत की सरकार हो जाएँ 

अराहन 

दूरी

तुमसे कहीं बहुत दूर 
किसी गुमनाम बस्ती में 
बुन रहा हूँ पलकों से 
तुमसे मिलने के सपने 
भेज रहा हूँ आसमान में 
प्रेमपत्रों को बना के पतंग 
इस उम्मीद में की 
जब कटेगी पतंग 
तो गिरेगी तुम्हारे छत पर 
और तुम्हे दिख जायेगा मेरा चेहरा सन्देश में 
मालूम हो जायेगा की मैं तुम्हे याद करता हूँ परदेस में
यकीं हो जायेगा तुम्हे की दूर हो जाने के बाद भी
प्रेम की लौ निरंतर जलती रहती है ह्रदय में
तमाम तुफानो बवंडरो को धता बताते हुए

अराहान

प्रेम करो

फोटो: devianart.com 
प्रेम करो
पर रखो ताकत
दीवारों में चुनवा दिए जाने की
साँसों में भरो इतनी ताकत
की जिन्दा रख सको अपना प्रेम
दीवारों में क़ैद होकर भी

 प्रेम करो
और चौकस रहो
घात लगाये बैठे  शिकारियों से
करो ना कोई चुक
दो ना किसी को मौका शिकार करने का

प्रेम करो
पर रक्खो अपना सीना मजबूत
ना जाने कितने  कारतूसों पर लिखा होगा
तुम्हारा नाम
कितनी तलवारे प्यासी होंगी
 तुम्हारे रक्त की

प्रेम करो
पर थोड़ा डरो
क्यूंकि प्रेम करना गुनाह है
और सडकों पर घूम रहे हैं
इस गुनाह की सजा देने वाले

प्रेम करो
क्यूंकि तुम्हे हो गया है प्रेम
हो गयी है एक हसीं गलती
जो "UNDO" नहीं हो सकती
पर ध्यान रखो
की कोई क़त्ल ना कर दे तुम्हारे प्रेम को

अराहान